मध्यप्रदेश की लाड़ली बहना योजना ने प्रदेश की 1.29 करोड़ महिलाओं के जीवन में एक नया अध्याय जोड़ा है। यह योजना न केवल महिलाओं के आर्थिक स्तर को मजबूत बनाने में सहायक है, बल्कि यह उनकी सामाजिक स्थिति को भी बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। हाल ही में, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस योजना के तहत महिलाओं को मिलने वाली राशि को 3 हजार रुपये करने का ऐलान किया है। ऐसे में भाईदूज पर बहनों को एक विशेष गिफ्ट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
18वीं किस्त का ट्रांसफर
हर महीने की 10 तारीख को लाड़ली बहना योजना की किस्त महिलाओं के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है। इस बार, भाईदूज के पावन अवसर को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि योजना की 18वीं किस्त पहले ही जारी की जा सकती है। हालांकि, इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन महिलाओं में इस बात को लेकर उत्सुकता बनी हुई है।
राशि में वृद्धि का ऐलान
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विजयपुर में मंच से लाड़ली बहनों को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा ने लाड़ली बहनों के लिए वचन पत्र में जो वादा किया था, उसे पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना की शुरुआत में महिलाओं को 1000 रुपये प्रति माह दिए जाते थे, जिसे बाद में बढ़ाकर 1250 रुपये किया गया था। अब, सरकार ने तय किया है कि जल्द ही इस राशि को 3000 रुपये प्रति माह कर दिया जाएगा।
इस घोषणा ने महिलाओं में खुशी की लहर दौड़ा दी है। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि कोई भी लाड़ली बहना इस योजना से वंचित न रह जाए। चुनाव के बाद उन बहनों के नाम भी योजना में जोड़े जाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी जो इससे छूट गई हैं।
त्योहारों का महत्व
त्योहारों का समय विशेष होता है, और इस समय महिलाएं अपने परिवार की खुशियों को सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त धनराशि की अपेक्षा करती हैं। हाल ही में उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने भी सरकार से मांग की थी कि दिवाली के पहले महिलाओं के खातों में 3000 रुपये ट्रांसफर किए जाएं। इस मांग का महत्व इसीलिए है क्योंकि त्योहारों पर खर्चों में इजाफा होता है और महिलाओं को आर्थिक सहायता की जरूरत होती है।
चुनाव में लाड़ली बहना योजना का प्रभाव
लाड़ली बहना योजना ने मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 में एक गेमचेंजर की भूमिका निभाई। बीजेपी जब चुनावी मैदान में पिछड़ी नजर आ रही थी, तब इस योजना ने पार्टी को सत्ता में वापस लाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस योजना की शुरुआत में महिलाओं को 1000 रुपये दिए जा रहे थे, जिसे बाद में बढ़ाकर 1250 रुपये किया गया।
योजना की स्थिरता और विकास
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्पष्ट किया है कि सरकार द्वारा किए गए वादे पूरे किए जाएंगे। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी महिला इस योजना के लाभ से वंचित न रह जाए, सरकार वंचित महिलाओं के नाम जोड़ने की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। यह कदम न केवल योजना की स्थिरता को दर्शाता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि सभी योग्य महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकें।
लाड़ली बहना योजना के लाभ
इस योजना के अंतर्गत 21 से 60 वर्ष की विवाहित महिलाएं पात्र हैं। योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को सहारा देना है। महिलाओं को मिलने वाली राशि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मदद करती है। इससे महिलाएं न केवल अपने परिवार की भलाई के लिए पैसे खर्च कर सकती हैं, बल्कि वे अपने बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य जरूरतों के लिए भी इसका इस्तेमाल कर सकती हैं।
योजना की पात्रता
लाड़ली बहना योजना के तहत आवेदन करने के लिए निम्नलिखित पात्रता मानदंड हैं:
1. आवेदक महिला का जन्म 1 जनवरी 1963 के बाद और 1 जनवरी 2000 से पहले होना चाहिए।
2. परिवार की सालाना आय 2.5 लाख रुपये से कम होनी चाहिए।
3. परिवार के पास 5 एकड़ से अधिक कृषि भूमि नहीं होनी चाहिए।
4. परिवार में कोई व्यक्ति सरकारी नौकरी नहीं करता हो।
5. घर पर ट्रैक्टर या चारपहिया वाहन नहीं होना चाहिए।
आवेदन करने की प्रक्रिया
यदि कोई महिला इस योजना का लाभ लेना चाहती है, तो उसे पहले आवेदन करना होगा। आवेदन प्रक्रिया बेहद सरल है और इसे ऑनलाइन माध्यम से पूरा किया जा सकता है।
1. आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: लाड़ली बहना योजना की आधिकारिक वेबसाइट (https://cmladlibahna.mp.gov.in/) पर जाएं।
2. आवेदन भरें: आवेदन पत्र को ध्यान से भरें और आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें।
3. स्टेटस चेक करें: आवेदन के बाद, महिलाएं अपनी आवेदन स्थिति को वेबसाइट पर चेक कर सकती हैं।
लाड़ली बहना योजना मध्यप्रदेश की महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है, बल्कि यह योजना उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है। सीएम मोहन यादव की अगुवाई में यह योजना और भी अधिक प्रभावी बन रही है। भाईदूज के मौके पर यदि योजना की राशि बढ़कर 3000 रुपये हो जाती है, तो यह महिलाओं के लिए एक विशेष तोहफा होगा, जिससे वे त्योहार को और भी खुशी और उत्साह के साथ मना सकेंगी।