Multiple Bank Account : आज के समय में हर व्यक्ति के पास कम से कम एक बैंक खाता होता है। लेकिन कई लोग एक से अधिक बैंक खाते रखते हैं। कभी-कभी यह आवश्यकता के कारण होता है, जैसे नई नौकरी के लिए नया सैलरी अकाउंट, तो कभी सुविधा के लिए। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि एक से अधिक बैंक खाते रखने के कुछ गंभीर नुकसान भी हो सकते हैं? आइए इस विषय पर विस्तार से चर्चा करें।
न्यूनतम बैलेंस की समस्या
हर बैंक खाते के लिए एक निश्चित न्यूनतम बैलेंस (मिनिमम बैलेंस) रखना पड़ता है। जब आपके पास एक से अधिक खाते होते हैं, तो आपका एक बड़ा हिस्सा इन खातों में फंसा रहता है। उदाहरण के लिए, अगर आपके पास तीन बैंक खाते हैं और प्रत्येक में 5,000 रुपये का न्यूनतम बैलेंस रखना है, तो आपके 15,000 रुपये हमेशा इन खातों में जमा रहेंगे।
इस राशि पर आपको केवल 4 से 5 प्रतिशत सालाना ब्याज मिलता है, जो कि अन्य निवेश विकल्पों की तुलना में काफी कम है। अगर आप इस पैसे को किसी अन्य निवेश योजना में लगाते, तो आपको अधिक रिटर्न मिल सकता था।
अतिरिक्त शुल्क का बोझ
मेंटेनेंस फीस और सर्विस चार्ज
प्रत्येक बैंक खाते के लिए आपको वार्षिक रखरखाव शुल्क और सेवा शुल्क देना पड़ता है। जब आपके पास एक से अधिक खाते होते हैं, तो ये शुल्क भी बढ़ जाते हैं। इसके अलावा, बैंक आपसे क्रेडिट और डेबिट कार्ड जैसी अन्य बैंकिंग सुविधाओं के लिए भी अलग से शुल्क लेता है।
छिपे हुए खर्च
कई बार, हम इन छोटे-छोटे शुल्कों पर ध्यान नहीं देते, लेकिन जब सभी खातों के शुल्क को जोड़ा जाता है, तो यह एक बड़ी राशि बन जाती है। यह पैसा आप अपनी बचत या निवेश में लगा सकते थे।
क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव
एक से अधिक बैंक खाते रखने का आपके क्रेडिट स्कोर पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। विशेष रूप से, अगर आप किसी खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं रख पाते हैं, तो यह आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुंचा सकता है।
निष्क्रिय खातों का प्रभाव
कई बार, पुराने या अप्रयुक्त खाते निष्क्रिय हो जाते हैं। ये निष्क्रिय खाते भी आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए, अगर आप किसी खाते का उपयोग नहीं कर रहे हैं, तो उसे बंद कर देना बेहतर होता है।
आयकर विभाग की नज़र
जब आपके पास एक से अधिक बैंक खाते होते हैं, तो आयकर विभाग की नज़र आप पर अधिक रहती है। आयकर रिटर्न भरते समय आपको सभी खातों की जानकारी देनी पड़ती है।
कागजी कार्रवाई में वृद्धि
अधिक खातों का मतलब है अधिक बैंक स्टेटमेंट और अधिक कागजी कार्रवाई। यह न केवल समय लेने वाला काम है, बल्कि इससे गलतियों की संभावना भी बढ़ जाती है।
टैक्स जमा करने में परेशानी
कई खातों से लेन-देन होने पर आपकी आय का सही हिसाब रखना मुश्किल हो जाता है। इससे टैक्स की गणना और उसे जमा करने में परेशानी हो सकती है।
सैलरी अकाउंट से जुड़ी समस्याएं
सेविंग अकाउंट में बदलाव
जब आप नौकरी बदलते हैं, तो अक्सर आपका पुराना सैलरी अकाउंट सेविंग अकाउंट में बदल जाता है। यह तब होता है जब तीन महीने तक खाते में कोई सैलरी जमा नहीं होती।
नियमों में बदलाव
सेविंग अकाउंट के नियम सैलरी अकाउंट से अलग होते हैं। इसमें न्यूनतम बैलेंस की आवश्यकता होती है। अगर आप इसे बनाए नहीं रखते, तो बैंक आपसे जुर्माना वसूल सकता है।
समाधान: क्या करें?
1. अनावश्यक खातों को बंद करें: अगर आप किसी खाते का उपयोग नहीं कर रहे हैं, तो उसे बंद कर दें।
2. खातों का समन्वय करें: अपने सभी खातों की जानकारी एक जगह रखें ताकि उनका प्रबंधन आसान हो।
3. ऑनलाइन बैंकिंग का उपयोग करें: इससे आप अपने सभी खातों पर नज़र रख सकते हैं और आवश्यकतानुसार धन का स्थानांतरण कर सकते हैं।
4. नए खाते खोलने से पहले सोचें: नया खाता खोलने से पहले उसकी वास्तविक आवश्यकता पर विचार करें।
एक से अधिक बैंक खाते रखना कभी-कभी आवश्यक हो सकता है, लेकिन इसके नुकसान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अपने वित्तीय लक्ष्यों और जरूरतों के अनुसार अपने बैंक खातों का प्रबंधन करें। याद रखें, कम खाते रखना और उनका बेहतर प्रबंधन करना आपकी वित्तीय स्थिति के लिए फायदेमंद हो सकता है। अपने पैसे को सुरक्षित रखें और समझदारी से निवेश करें।